मैंने अनेकों मरीज़ों, उनके परिजनों से बात करके यह महसूस किया है की अक्सर इनके दिमाग में यह गलत धारणा बन जाती है कि न्यूरो बीमारियों जैसे कि स्ट्रोक (लकवा), पार्किंसन, मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस, सेरिब्रल पाल्सी, ब्रेन इंजुरी, स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी आदि के मरीज़ों में कोई रिकवरी नहीं हो सकती. दुःख की बात यह है की इस निराशाजनक सोच के कारण, मरीज़, उचित इलाज़ से वंचित रह जाते हैं.
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान एवं शोध द्वारा यह प्रमाणित हो चुका है कि न्यूरो के मरीज़ों में ना सिर्फ कई सालों बल्कि दशकों बाद भी रिकवरी संभव है
१. नयी एवं पुरानी न्यूरो बीमारियों से रिकवरी संभव नहीं है, यह धारणा गलत है.
२. न्यूरो रिहैब में एक्सरसाइज की पुनरावृत्ति ही सफलता की कुंजी है.
३. न्यूरो रिहैब की नियमित निरंतरता शीघ्र एवं उत्तम परिणाम देती है.
४. न्यूरो बीमारी से ग्रस्त अंग को रिकवर करने हेतु उसे हर संभव तरीके (एक्टिव या पैसिव) से क्रियाशील रखना ज़रूरी है.
५. रिकवरी की सफलता हेतु मरीज़ एवं परिवार की आशाजनक सकारात्मक सोच अति आवश्यक है.
६. सफल परिणाम हेतु थेरेपी लगन पूर्वक जारी रखें, धैर्य न छोड़ें.
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७. न्यूरो बीमारियों में अब नयी तकनीकों जैसे रोबोटिक रिहैब, ब्रेन स्टिमुलेशन, वर्चुअल रिहैब, कंप्यूटराइज्ड कॉग्निटिव थेरेपी आदि का उपयोग अवश्य लें.