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हाल ही में उदयपुर (राजस्थान) में आयोजित न्यूरो सम्मलेन में A4 क्लीनिक्स के परिवर्तनात्मक न्यूरो रेहेब प्रोग्राम के बारे में देश विदेश से सम्मिलित हुए सुप्रसिद्ध डॉक्टरों तथा वैज्ञानिकों से चर्चा करने का सुअवसर मुझे प्राप्त हुआ. इस प्रोग्राम में रोबोटिक रेहेब तथा ब्रेन स्टिमुलेशन जैसी तकनीक पर हुई चर्चा आकर्षण का केंद्र बनीं. हमारे इस नवीन प्रोग्राम की सराहना सुनकर अत्यंत प्रसन्नता हुई. सभी का मानना था कि इस प्रकार के न्यूरो रिहेब क्लीनिक्स तथा प्रोग्राम्स की देश भर में आवश्यकता है.

इस सम्मेलन में मेरे द्वारा दिए व्याख्यान में न्यूरोप्लास्टिसिटी के सिद्धांत पर विशेष जोर था. दशकों पहले चिकित्सा विज्ञानं में माना जाता था कि एक बार क्षतिग्रस्त होने के बाद मस्तिष्क में कोई रिपेयर संभव नहीं है. परन्तु आधुनिक रिसर्च ने इस धारणा को गलत साबित दिया है. अनेकों प्रकार की रिसर्च के बाद अब यह प्रमाणित हो चुका है कि उचित चिकित्सा से मस्तिष्क के न्यूरॉन्स के टूटे हुए कनेक्शंस को रिपेयर किया जा सकता है. अमेरिका के सुप्रसिद्ध न्यूरो वैज्ञानिक एवं चिकित्सक डॉ. नार्मन डॉज ने अपनी दो पुस्तकों The Brain’s Way of Healing & The Brain That Changes Itself में न्यूरोप्लास्टिसिटी के बारे में विस्तार से लिखा है कि ” पुनरभ्यास तथा सकारात्मक मानसिक सोच के प्रभाव से मस्तिष्क में होने वाली रिपेयर प्रक्रिया को न्यूरोप्लास्टिसिटी कहते हैं “.

सच कहूँ तो इस सब विज्ञानं की चर्चा में मुझे बचपन में पढ़ा हुआ यह दोहा याद आ गया:

करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान रसरी आवत जात ते सिल पर परत निसान

असल में न्यूरोप्लास्टिसिटी का पूरा ज्ञान इस एक दोहे में समाया हुआ है. सुप्रसिद्ध दार्शनिक अरस्तु ने भी लिखा था, ” We are what we repeatedly do “.

यदि आप या आपके परिवार में किसी को लकवा (पैरालिसिस), पार्किंसन, सेरिब्रल पाल्सी इत्यादि कोई न्यूरो बीमारी है तो अनेकों बार सही प्रक्रिया के पुनर्भ्यास से उसकी रिकवरी संभव है. फिज़ियोथेरेपी के अलावा रोबोटिक एवं ब्रेन स्टिमुलेशन जैसी आधुनिक तकनीकें इस रिकवरी में अत्यन्त सहायक होती है.

A4 क्लीनिक्स, इंदौर मोब: 7471174920 वैब: http://a4clinics.com/

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